नई दिल्ली : विदेश मामलों पर संसद की सलाहकार समिति की सोमवार को हुई बैठक में मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस सदस्यों द्वारा उठाए गए कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण दिया। इन मुद्दों में केंद्र द्वारा ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को कथित तौर पर सचेत करना, अमेरिका द्वारा मध्यस्थता से युद्धविराम और सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है। सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री ने समिति को बताया कि डीजीएमओ ने पाकिस्तान को उसके क्षेत्र में आतंकी शिविरों पर भारतीय हमलों के बारे में तभी सूचित किया, जब हमले किए गए।
कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, डीएमके और अन्य दलों के सांसदों के एक समूह ने बैठक में भाग लिया। पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस केंद्र पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर निशाना साध रही है। ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए घातक हमले का बदला लेने के लिए शुरू किया गया था। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित चार आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों को मार डाला था। कांग्रेस ने जयशंकर पर मुख्य रूप से उनके इस बयान को लेकर हमला किया कि आतंकवादी शिविरों पर सैन्य हमले करने से पहले पाकिस्तान को सतर्क कर दिया गया था।

मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को यह भी बताया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करने और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति शून्य-सहिष्णुता के भारत के कड़े संदेश को दोहराने के लिए विदेश भेजे गए विभिन्न सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के बीच प्रभावी बातचीत हो रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के अलग-थलग पड़ने के मुद्दे पर प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि अधिकांश देशों ने आतंकवाद से खुद की रक्षा करने के देश के अधिकार का समर्थन किया है और केवल तीन देशों ने सरकार के रुख पर सवाल उठाया है।
सूत्रों ने कहा कि मंत्री ने दुनिया भर में पाकिस्तान को “बेनकाब” करने में सभी सांसदों से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के एकजुट संदेश को दुनिया के सामने रखने के लिए सांसदों के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजा है। जयशंकर ने एक्स पर विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए तस्वीरें साझा कीं। सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस सदस्यों ने सरकार से पूछा कि अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ा और पाकिस्तान को आईएमएफ सहायता और बैठक में भारत के अनुपस्थित रहने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चीन के साथ पाकिस्तान के बढ़ते संबंधों पर भी चिंता जताई।
